डॉ आलोक चान्टिया , अखिल भारतीय अधिकार संगठन

 

विश्व अल्जाइमर दिवस जागरूकता के अर्थ में अट्ठारह सौ पचास में अगस्त डिटर नाम की महिला का जन्म हुआ था और जब वह 50 वर्ष की हुई तो उन्हें अपने शरीर में बहुत सी ऐसी समस्याओं का अनुभव होने लगा जिसके लिए उन्होंने एलओएस अल्जाइमर नाम के मनोवैज्ञानिक की सहायता ली जिन्होंने पहली बार 3 नवंबर उन्नीस सौ छह को इस बात को समझा  कि सेरेब्रल काटैक्स में उम्र बढ़ने के साथ-साथ समझा कि ऐसी परेशानियां बढ़ने लगती हैं जिससे व्यक्ति को याद नहीं रहता चलने में समस्या होती है उसे अपनी भूख का ध्यान नहीं रहता स्थान का ध्यान नहीं रहता है और सबसे पहली बार उनके द्वारा समझे जाने के कारण इसे उन्हीं के नाम पर अल्जाइमर कहा गया यहां पर यह भी समझने की आवश्यकता है कि अल्जाइमर बीमारी है लेकिन भुलक्कड़ पन बीमारी नहीं है धीरे-धीरे इस पर जागरूकता लोगों की बड़ी और ऐसा पाया गया कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है मुख्य रूप से 60 साल से ऊपर वाले लोगों में अल्जाइमर जैसी बीमारी पैदा हो जाती है अभी भी इसके बारे में बहुत जानकारी नहीं है इसीलिए वर्ष 2009 से अमेरिका के शिकागो शहर से अल्जाइमर के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आरंभ किया गया।

प्रत्येक वर्ष 21 सितंबर को विश्व जागरूकता दिवस के रूप में अल्जाइमर को मनाया जाने लगा यहां पर यह समझने की नितांत आवश्यकता है कि भुलक्कड़ पन जिसे डिमेंशिया भी कहते हैं उसे एक बीमारी के रूप में नहीं लिया गया कोई भी व्यक्ति सामान्य रूप से ज्यादा कार्य करने के कारण इस ड्रेस लेने के कारण संघर्ष की स्थिति के कारण भुलक्कड़ पन का शिकार हो सकता है लेकिन अल्जाइमर में मस्तिष्क के अंदर स्थित सेरेब्रल कार टैक्स में व्यवधान के कारण यह बीमारी उत्पन्न हो जाती है अभी तक इसकी कोई दवा नहीं बन सकी है अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन इससे प्रभावित थे यदि कोई व्यक्ति अपने बाह पर बैगनी रंग का रिबन बांधे है तो वह इस बात का संकेत है कि वह अल्जाइमर के जागरूकता कार्यक्रम का सदस्य है लेखक द्वारा स्वयं अपनी मां के साथ गुजारे पल उन्हें इस बात का अनुभव किया गया कि उनकी मां अल्जाइमर से पीड़ित है क्योंकि इसके अंतर्गत होने चलने में दिक्कत होती है उन्हें यह याद ही नहीं रहता कि उन्होंने खाना खाया है या नहीं खाया है इसके अतिरिक्त वह यह जान ही नहीं पाती हैं कि दिन है कि रात है वह कमरे में है कि बाहर है अक्सर वह लेखक से पूछती हैं तुम्हारा नाम क्या है तुम कौन हो और यदि वह कुछ देर के लिए सो जाती हैं तो फिर आंख खुलने के बाद वह बिल्कुल ही यह नहीं जान पाती वह कहां है और लेखक से पूछती है कि तुम कब आए खाना खाने के बाद भी उन्हें खाना खाना याद नहीं रहता है यह सारी स्थितियां भुलक्कड़ पन से इतर है स्थान का ज्ञान नहीं रह जाता है और यही कारण है कि वर्तमान में जिस तरह से समाज में अवसाद बढ़ रहा है संघर्ष बढ़ रहा है जनसंख्या असंतुलन बढ़ रहा है उन सब को लेकर प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अल्जाइमर जैसी स्थिति आने की संभावना बढ़ चुकी है इसलिए व्यक्ति को इसके प्रति जागरूकता फैलाने में योगदान करना चाहिए वर्ष 2021 में इस जागरूकता कार्यक्रम कठिन विषय है डिमेंशिया जानो: अल्जाइमर जानो